Saturday, July 5, 2025
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पिछले साल दंपति का घर तोड़ा आज उतारा मौत के घाट

अजय श्रीवास्तव /सरगुजा। लगातार काम होते जंगल और अरण्य हसदेव जंगल के काटने से वहां निवास करने वाले अलग-अलग 26 हाथियों के दलों ने अब आवासीय क्षेत्र में आना शुरू कर दिया है पहले भी धान काटने के बाद आवासीय क्षेत्र में पहुंचते थे। लेकिन जंगलों की कमी से इनका मूवमेंट अब रेजिडेंशियल एरिया की तरफ हो गया है। और अब लगातार मानव और हाथी द्वंद्व के मामले सामने आने लगे हैं लेकिन कई बार मानव हाथियों के पैरों तले कुचलकर अपना जीवन गवां देते हैं।

ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है, सरगुजा संभाग में हाथियों का उत्पात जारी है। इसी कड़ी में प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत एक गांव में सोमवार की आज सुबह 2 दंतैल हाथियों ने वृद्ध ग्रामीण के घर को तोडऩा शुरु किया। आवाज सुनकर पति-पत्नी जैसे ही अपने घर से बाहर निकले तभी दोनों हाथियों ने दंपति को पैरों से कुचलकर मार डाला। ग्रामीणों ने बताया गया है,कि पिछले साल भी जंगली हाथियों ने उक्त दंपति का घर तोड़ा दिया था। इस दुखद घटनाक्रम के बाद मौके पर पहुंची वनविभाग टीम पर ग्रामीण भडक़ गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अनेकों बार जंगली हाथियों के गांव की ओर आने की सूचना वन अमले को लगातार दी जाती रही थी। उसके बाद भी वनविभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया जिससे आज दो लोगों की जान चली गई।

जानकारी अनुसार सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम दरहोरा के रहने वाले बुजुर्ग दंपति हरिधन पत्नी नन्ही बाई 66 वर्ष के साथ घने जंगल से सटे हुए क्षेत्र में झोपड़ी बनाकर रहते थे। इस दंपति के कोई भी आलऔलाद नहीं थी।

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार जंगल के किनारे बसे आबादी क्षेत्र में अपने दल से बिछड़े हुए दो जंगली दतैल हाथीयों ने सोमवार को सुबह-सुबह इस दंपति के घर पहुंच कर घर में रखे खाद्यान्न सामग्री की तलाश में हाथियों ने घर की दीवार को तोड़ना शुरू कर दिया।

तोड़कर की आवाज सुनकर पति-पत्नी की नींद टूट गई और वे घर से बाहर निकल कर तोड़फोड़ का कारण देखने लगे। अंधेरा होने के कारण वे हाथियों को देखा नहीं पाये, तभी उन्हें देखकर हाथियों ने दंपति को सूंड से उठाकर जमीन पर पटककर पैरों से बुरी तरह कुचलकर मौत के घाट उतार दिया।

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