Saturday, July 5, 2025
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भारत की समृद्ध विरासत हमें हमेशा गौरवान्वित करती है – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार 21 अगस्त को हरियाणा के फरीदाबाद में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 5वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि भारत की समृद्ध विरासत हमें हमेशा गौरवान्वित करती है। युवा इस समृद्ध विरासत का हिस्सा हैं और उन्हें इसका ध्वजवाहक बनना है। उन्होंने छात्रों को अपनी योग्यताओं और क्षमताओं पर भरोसा करने और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी।

इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि आज पूरी दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति के दौर में है। भारत भी इस क्रांति की चुनौतियों का सामना करने और इसके अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार है। इस राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल करने में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु यह जानकर प्रसन्न हुई कि इस विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों में कई औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौते किए हैं। बहुत सी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए इस विश्वविद्यालय के परिसर में उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित किए हैं। द्रौपदी मुर्मु ने उम्मीद जताई की कि इन सभी प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि वर्तमान में प्रौद्योगिकी के विकास के कारण प्रगति के अनेक रास्ते खुल गए हैं। उदाहरण के लिए, दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच ने ऑनलाइन रोजगार के अनेक अवसर पैदा किए हैं। लेकिन, हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि प्रौद्योगिकी का उपयोग उचित तथा सतत विकास और जनहित के लिए किया जाना चाहिए। इसका गलत उपयोग विनाशकारी हो सकता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम महान वैज्ञानिक और आधुनिक विज्ञान के प्रणेता जगदीश चंद्र बोस के नाम पर रखा गया है, जो संभवतः दुनिया के पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने वैज्ञानिक रूप से यह साबित किया कि पेड़-पौधों में भी भावनाएं होती हैं। उनकी क्रांतिकारी खोज ने वनस्पति जगत को देखने का हमारा नजरिया बदल दिया। उन्होंने छात्रों से उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेने और प्रौद्योगिकी के ज़रिए से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का आग्रह किया।

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