रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नए साल के पहले दिन भाजपा सरकार ने युवाओं के खिलाफ अत्याचार किया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि भाजपा सरकार ने 2897 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है, जो कि सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के बाद नियुक्त किए गए थे। बघेल ने कहा, “यह कोई ठेका या संविदा कर्मचारी नहीं थे। ये शिक्षक कांग्रेस सरकार के दौरान भर्ती हुए थे और भाजपा सरकार के तहत ही तीसरी और चौथी काउंसलिंग के बाद उनकी नियुक्ति हुई थी।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार से मांग की कि इन शिक्षकों की सेवा को सुनिश्चित किया जाए और उनके लिए अलग भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में अनेकों पद खाली हैं, जिन पर इन शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है। बघेल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर इन शिक्षकों का समायोजन नहीं कर रही है, और सर्वोच्च न्यायालय में भी इनका पक्ष सही तरीके से नहीं रखा गया।
धान खरीदी में अव्यवस्था पर भी उठाए सवाल
भूपेश बघेल ने राज्य सरकार पर धान खरीदी में अव्यवस्था फैलाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, “सरकार किसानों का पूरा धान नहीं खरीदना चाहती है। धान खरीदी केंद्रों पर जगह की कमी और उठाव में समस्याएं आ रही हैं। किसानों को भुगतान नहीं किया जा रहा और बारदानों की भारी कमी है।” बघेल ने सरकार से सवाल किया कि इस वर्ष केंद्र सरकार द्वारा कितना चावल खरीदा जाएगा, इसका आंकड़ा अभी तक क्यों सार्वजनिक नहीं किया गया।
भाजपा सरकार के डर से चुनाव टाले जा रहे हैं
नगर निगमों में प्रशासक नियुक्त किए जाने के सरकार के फैसले पर बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव में जाने से डर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव की अवधि बढ़ाने के लिए अधिसूचना लाकर अब प्रशासन नियुक्त कर दिया गया है। बघेल ने कहा, “सरकार को मालूम है कि चुनाव में अगर गए तो भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा।”
धर्मांतरण पर भाजपा सरकार पर हमला
भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर धर्मांतरण की घटनाओं को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा धर्मांतरण को रोकने में विफल रही है और घर वापसी का दावा करने वालों से पूछा कि उनका कोई रिकॉर्ड क्यों नहीं है, और जो वापस लाए गए उन्हें किस जाति में शामिल किया गया, यह जानकारी सरकार से मांगी।