नई दिल्ली। देवउठनी एकादशी के दिन से चातुर्मास की समाप्ति होती है। इसके साथ ही विवाह जैसे मांगलिक कार्यों का शुभारंभ भी इस तिथि से हो जाता है। कुछ लोग इस दिन व्रत भी करते हैं। इस वर्ष देवउठनी एकादशी गुरुवार 23 नवंबर को मनाई जा रही है। इस विशेष दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ ही कुछ श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इसे देवोत्थान एकादशी और देव प्रबोधनी भी कहा जाता है।
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शास्त्रों के अनुसार देवउठनी एकादशी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम दिवस माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी के विशेष दिन पर भगवान विष्णु 4 महीने के बाद निद्रा से जागते हैं। इसके साथ ही वे संसार का संचालन अपने हाथ में लेते हैं। यही कराण है कि इस दिन को विशेष महत्व दिया जाता है।