रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को लेकर सदन में जोरदार बहस देखने को मिली। खास बात यह रही कि इस मुद्दे पर सत्तापक्ष को घेरने का काम भाजपा के ही विधायकों ने किया।
प्रश्नकाल के दौरान रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी ने कहा कि प्रदेश में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। उन्होंने सरकार से पूछा कि अब तक साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई। उनका कहना था कि “आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग इस कार्य के लिए उपयुक्त नहीं है। साइबर थाने तो हैं, लेकिन आम जनता को इसकी जानकारी तक नहीं है। एनसीआरबी और एआई रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अब तक 16 हजार से अधिक साइबर अपराध सामने आ चुके हैं।”
इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब देते हुए बताया कि रायपुर में न केवल एक साइबर थाना संचालित है, बल्कि एक कंपोजिट साइबर भवन भी स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित युवा साइबर एक्सपर्ट्स को नियुक्त किया गया है, जो छह महीने की ट्रेनिंग पूरी कर कार्यरत हैं।
गृहमंत्री ने बताया कि अब तक 1,301 साइबर अपराध के प्रकरण दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने एआई रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “हम प्रमाणिक आंकड़े पेश कर रहे हैं, जबकि एनसीआरबी का नया डेटा 2022 के बाद से उपलब्ध नहीं है।”
सुनील सोनी ने आगे पूछा कि जनवरी 2024 से जून 2025 तक कितने आरोपियों को जेल भेजा गया है। इस पर गृहमंत्री ने बताया कि इस अवधि में बैंक कर्मियों के खिलाफ तीन प्रकरण दर्ज हुए हैं और सात आरोपियों को जेल भेजा गया है।
भाजपा विधायक राजेश मूणत ने चिंता जताते हुए कहा कि अधिकारी प्रशिक्षण ले रहे हैं, फिर भी साइबर ठगी पर अंकुश नहीं लग पा रहा। उन्होंने खुलासा किया कि अब तक प्रदेश में 107 करोड़ रुपये की ठगी हो चुकी है, जिसमें से मात्र 3 करोड़ रुपये की रिकवरी हो पाई है। मूणत ने इस मामले की निगरानी के लिए आईजी स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की मांग की। इसके जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि आईजी स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जा चुकी है और धोखाधड़ी में रिकवरी की प्रक्रिया न्यायालय के माध्यम से होती है।
इसी मुद्दे पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भी सरकार से सवाल पूछे। उन्होंने जानना चाहा कि अब तक साइबर क्राइम से निपटने के लिए कितने कमांडो तैयार किए गए हैं, कितनी नियुक्तियां हुई हैं और विशेषज्ञों की भर्ती कब पूरी होगी।
गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि विशेषज्ञों की भर्ती प्रक्रिया प्रगति पर है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।