अजय श्रीवास्तव/रायपुर — पूरे प्रदेश भर में उपयोग में आने वाले सभी विद्युत सामानों का सबसे बड़ा संग्रहण केंद्र राजधानी के गुढ़ियारी कोटा में अभिभाजित मध्य प्रदेश के समय से ही स्टाक यार्ड बना हुआ है। 5 अप्रैल को दोपहर के वक्त राजधानी के कोटा सीएसईबी गोदाम में हुई आगजनी घटना ने राजधानी वासियों को हिला कर रख दिया। 15 घंटे तक जल रही आग में करीब 4000 ट्रांसफार्मर जलकर खाक हो गए और विभाग को डेढ़ सौ से 200 करोड रुपए का नुकसान का आकलन किया गया है।
आखिरकार इतनी बड़ी आगजनी की घटना का कारण क्या था।
आगजनी के बाद यह नजारा है कोटा के CSEB गोदाम का जहां आगजनी की घटना ने इसे ट्रांसफार्मर का कब्रिस्तान बना दिया है। इतनी बड़ी आगजनी की घटना के बाद स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया था। आगजनी की इस घटना को काबू करने के लिए दमकल की 100 से ज्यादा गाड़ियों ने मिलकर 15 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग़ पर काबू पाया था। मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय ने घटना की जांच के लिए 6 सदस्य टीम भी बनाई थी।
प्रारंभिक जांच के बीच एक सीसीटीवी फुटेज ने इस पूरी आगजनी की घटना की पोल खोल कर रख दी है।
सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है आग़ शॉर्ट सर्किट होने की वजह से लगी। लेकिन जमीन पर पड़ी सूखी घास की वजह से आग और सुलग गई और पूरे याड में रखे करोड़ों रुपए मूल्य के ट्रांसफार्मर जलाकर खाक हो गए। याड में घास की कटिंग के बाद सूखी घास को लापरवाही पूर्वक वहीं पर छोड़ दिया गया था जिसके कारण यह पूरी घटना हुई है। इस आगजनी की घटना के बाद जिला प्रशासन ने इलेक्ट्रिक सिटी बोर्ड के स्टॉक यार्ड के पास रहने वाले कुछ परिवारों के हुए निजी नुकसान के लिए 40 परिवारों लोगों 09 हजार रुपए प्रत्येक परिवार को सहायता राशि दी थी।