महासमुंद। छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में गरीबों को मुफ्त और उचित दामों में राशन मुहैया कराने के लिए शासन शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित करता है। लेकिन दुकान संचालक ही अगर गरीबों के राशन पर डाका मार दिया करे, तब बेचारे गरीब कहां जाए ये एक बड़ा सवाल है। एक ऐसा ही मामला महासमुंद जिले का है, जिसपर खाद्य विभाग कार्रवाई के नाम पर सुस्त नजर आ रहा है। हेराफेरी करने वाले 12 दुकान संचालकों में से अब तक 9 पर कार्रवाई हुई है।
दरअसल महासमुंद में पीडीएस के तहत हेराफेरी की आंशका को देखकर सितंबर 2022 में जिला खाद्य अधिकारी को जांच के लिए शासन से एक पत्र आया। पत्र के आधार पर पीडीएस की दुकानों की जांच की गई। जांच के दौरान पाया गया कि जिले के 591 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में से 12 (बागबाहरा में कसीबाहरा, पिथौरा में सागुनडाप, बसन के सूखापाली, बिरसींगपाली, बसना, कुडेकेल, सरायपाली के पसरापाली, केना, कोदोकुडा, खैरझिटी, सल्डीह , अंतरला) शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से चावल 1946.04 क्विंटल, शक्कर 45.35 क्विंटल, नमक 69.5 क्विंटल, चना 4.56 क्विंटल का गबन किया गया है।
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उसके बाद खाद्य विभाग के आला अधिकारी ने सभी दुकान संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।लेकिन अफसरशाही का लचीला रवैया देखिए की अब तक ना गबन किया गया अनाज वसूला गया और ना ही किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।